Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2017 · 1 min read

ऐ खुदा, सुन ले दुआऐं, ग़म का अब रोज़ा रहे

जिंदगी में हर तरफ बस प्यार ही बिखरा रहे
ऐ खुदा, सुन ले दुआऐं, ग़म का अब रोज़ा रहे

जिंदगी की दौड़ में तो थक गया ख़स्ता बदन
अब बुढ़ापा आ गया पर दिल मेरा बच्चा रहे

गाँठ रिश्तों में पड़ीं है, दूर हैं रिश्तें यहाँ
जोड़ने रिश्तों को फिर भी एक तो धागा रहे

है कई अच्छाइयाँ उनमें तुझे दिखती नहीं
देखने को ऐब खुद के एक बस शीशा रहे

साजिशें कर कर के मुझको वो गिराते रात दिन
की बगावत, फिर बराबर का ही अब सौदा रहे

इक सबक दुनिया को देखो जब सिखाना भी पड़े
तन मेरा लोहा भले हो मन मेरा सोना रहे

और कितना ऐ खुदा मुझको सताएगा बता
जिंदगी रातें अमावस चाँद फिर आता रहे

लोधी डॉ. आशा ‘अदिति’
भोपाल

556 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दिखावा
दिखावा
Swami Ganganiya
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
Keshav kishor Kumar
अपने
अपने
Shyam Sundar Subramanian
खिलते फूल
खिलते फूल
Punam Pande
दृष्टिकोण
दृष्टिकोण
Dhirendra Singh
देश के वासी हैं
देश के वासी हैं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
चुनिंदा बाल कहानियाँ (पुस्तक, बाल कहानी संग्रह)
चुनिंदा बाल कहानियाँ (पुस्तक, बाल कहानी संग्रह)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"सच्चाई की ओर"
Dr. Kishan tandon kranti
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
Neelam Sharma
खता खतों की नहीं थीं , लम्हों की थी ,
खता खतों की नहीं थीं , लम्हों की थी ,
Manju sagar
कुदरत
कुदरत
Neeraj Agarwal
गुरु-पूर्णिमा पर...!!
गुरु-पूर्णिमा पर...!!
Kanchan Khanna
प्यार के बारे में क्या?
प्यार के बारे में क्या?
Otteri Selvakumar
वृक्ष लगाओ,
वृक्ष लगाओ,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
ग़ज़ल _रखोगे कब तलक जिंदा....
ग़ज़ल _रखोगे कब तलक जिंदा....
शायर देव मेहरानियां
बस एक कदम दूर थे
बस एक कदम दूर थे
'अशांत' शेखर
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
VINOD CHAUHAN
Wakt ke pahredar
Wakt ke pahredar
Sakshi Tripathi
3261.*पूर्णिका*
3261.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
मैं हैरतभरी नजरों से उनको देखती हूँ
ruby kumari
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
Paras Nath Jha
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Akshay patel
#महसूस_करें...
#महसूस_करें...
*Author प्रणय प्रभात*
3) “प्यार भरा ख़त”
3) “प्यार भरा ख़त”
Sapna Arora
बेगुनाही एक गुनाह
बेगुनाही एक गुनाह
Shekhar Chandra Mitra
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
लिखना
लिखना
Shweta Soni
Loading...