Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Feb 2017 · 1 min read

ऐसे मैं दिल बहलाता हूँ..

ऐसे मैं दिल बहलाता हूँ..
जीवन के उन्मादों को सहता जाता हूँ,
कभी -२ तो डरता और सहमता भी हूँ,
पर ऐसे मैं अपना दिल बहलाता हूँ।
कुछ कई पुरानी यादों से ,
कुछ कही पुरानी बातों से ,
मैं यों ही बातें कर जाता हूँ,
और ऐसे ही मैं अपना दिल बहलाता हूँ।
कभी खुशी में शामिल हो कर ,
कभी दुखों में शिरकत करके,
जीवन के सुख दुख को सह जाता हूँ ,
और ऐसे ही मैं दिल बहलाता हूँ।
कभी समय जब खाली पाता ,
युं ही कुछ मैं लिख जाता हूँ,
भावों से अपने मन को समझाता हूँ,
और ऐसे ही मैं दिल को बहलाता हूँ।
जब याद मुझे आती है तेरी ,
युं ही न सबकों दिखलाता हूँ,
एकांक में जाकर रो आता हूँ,
तस्वीर से तेरी मिल आता हूँ,
और ऐसे ही मैं दिल को बहलाता हूँ।
ऐसे ही मैं दिल को बहलाता हूँ।।

Language: Hindi
449 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दलाल ही दलाल (हास्य कविता)
दलाल ही दलाल (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
■ सब्र और संघर्ष का सुफल।
■ सब्र और संघर्ष का सुफल।
*Author प्रणय प्रभात*
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
एक गिलहरी
एक गिलहरी
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
कुछ मज़ा ही नही,अब जिंदगी जीने मैं,
गुप्तरत्न
कट्टर ईमानदार हूं
कट्टर ईमानदार हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खूबसूरत बहुत हैं ये रंगीन दुनिया
खूबसूरत बहुत हैं ये रंगीन दुनिया
The_dk_poetry
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
आर.एस. 'प्रीतम'
नेता
नेता
Punam Pande
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
हसरतें पाल लो, चाहे जितनी, कोई बंदिश थोड़े है,
Mahender Singh Manu
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
Sapna Arora
*सावन में अब की बार
*सावन में अब की बार
Poonam Matia
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
नफरतों के शहर में प्रीत लुटाते रहना।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
Dr Archana Gupta
!!! नानी जी !!!
!!! नानी जी !!!
जगदीश लववंशी
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
Satish Srijan
2949.*पूर्णिका*
2949.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Heart Wishes For The Wave.
Heart Wishes For The Wave.
Manisha Manjari
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
संजय कुमार संजू
"शायरा सँग होली"-हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"एक नाविक सा"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अब तो हमको भी आती नहीं, याद तुम्हारी क्यों
अब तो हमको भी आती नहीं, याद तुम्हारी क्यों
gurudeenverma198
दोहा
दोहा
sushil sarna
अपने हाथ,
अपने हाथ,
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
डॉ.सीमा अग्रवाल
बहुत याद आता है वो वक़्त एक तेरे जाने के बाद
बहुत याद आता है वो वक़्त एक तेरे जाने के बाद
Dr. Seema Varma
*दादा-दादी (बाल कविता)*
*दादा-दादी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
प्यार को शब्दों में ऊबारकर
प्यार को शब्दों में ऊबारकर
Rekha khichi
गणतंत्र का जश्न
गणतंत्र का जश्न
Kanchan Khanna
Loading...