Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2020 · 1 min read

एक ग़ज़ल

एक ग़ज़ल (2122 1122 1122 22)

प्यार में अब हम तो हद से गुज़र जायेंगे।
गर मिली तू न हमें तो हम मर जायेंगे।

एक तुम्हीं पर तो है ये भरोसा पक्का ,
साथ तुम ही न दो तो यार किधर जायेंगे।

तुम न मारो हमको यूँ नफ़रत के कोड़े,
चोट आये दिल पर तो कुछ कर जायेंगे।

तुमको जो ये लगते हैं हम बिगड़ैले से,
साथ दोगी इक पल,फिर से सुधर जायेंगे।

आजमाओ न तनिक अब इस ‘विश्वासी’ को,
साथ तुमको हम ही लेकर घर जायेंगे।

1 Like · 2 Comments · 208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरी याद
तेरी याद
SURYA PRAKASH SHARMA
मैं बुद्ध के विरुद्ध न ही....
मैं बुद्ध के विरुद्ध न ही....
Satish Srijan
आदमी सा आदमी_ ये आदमी नही
आदमी सा आदमी_ ये आदमी नही
कृष्णकांत गुर्जर
कब तक कौन रहेगा साथी
कब तक कौन रहेगा साथी
Ramswaroop Dinkar
*चलो आओ करें बच्चों से, कुछ मुस्कान की बातें (हिंदी गजल)*
*चलो आओ करें बच्चों से, कुछ मुस्कान की बातें (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बात क्या है कुछ बताओ।
बात क्या है कुछ बताओ।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं नारी हूँ, मैं जननी हूँ
मैं नारी हूँ, मैं जननी हूँ
Awadhesh Kumar Singh
औकात
औकात
साहित्य गौरव
To improve your mood, exercise
To improve your mood, exercise
पूर्वार्थ
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
सूखी नहर
सूखी नहर
मनोज कर्ण
मेरे रहबर मेरे मालिक
मेरे रहबर मेरे मालिक
gurudeenverma198
(3) कृष्णवर्णा यामिनी पर छा रही है श्वेत चादर !
(3) कृष्णवर्णा यामिनी पर छा रही है श्वेत चादर !
Kishore Nigam
"तांगा"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता : याद
कविता : याद
Rajesh Kumar Arjun
रिद्धि सिद्धि के जन्म दिवस पर
रिद्धि सिद्धि के जन्म दिवस पर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मशाल
मशाल
नेताम आर सी
नीर
नीर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बीमार घर/ (नवगीत)
बीमार घर/ (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
#दोहा-
#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
Anand Kumar
दुश्मन जमाना बेटी का
दुश्मन जमाना बेटी का
लक्ष्मी सिंह
बिहार से एक महत्वपूर्ण दलित आत्मकथा का प्रकाशन / MUSAFIR BAITHA
बिहार से एक महत्वपूर्ण दलित आत्मकथा का प्रकाशन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
"आत्मकथा"
Rajesh vyas
सुप्रभात..
सुप्रभात..
आर.एस. 'प्रीतम'
फूलों की बात हमारे,
फूलों की बात हमारे,
Neeraj Agarwal
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
Kumar lalit
दर्द ख़ामोशियों से
दर्द ख़ामोशियों से
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी का सफर बिन तुम्हारे कैसे कटे
जिंदगी का सफर बिन तुम्हारे कैसे कटे
VINOD CHAUHAN
Loading...