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8 Jul 2016 · 1 min read

एक उडान बाकि है अभी!!

इस तरह हमनें न कोई रिश्ता बनाना चाहा !
जिस तरह तुमने हमसे निभाना चाहा !
आजा़द कर दिया मैंने परिन्दे को !
जब देखा फड़फड़ाते परों ने उड़ना चाहा!
ज्योतिमा

Language: Hindi
2 Likes · 5 Comments · 455 Views
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