उनकी बाहों का सहारा
उनकी बाहों का सहारा नसीब हो, तो क्या हो
बीच मझधार में किनारा नसीब हो, तो क्या हो
उन खुशगंवार लम्हों का सहारा हो, तो क्या हो
तनहा रातों में तेरे आलिंगन का सहारा हो, तो क्या हो
उनकी बाहों का सहारा नसीब हो, तो क्या हो
बीच मझधार में किनारा नसीब हो, तो क्या हो
उन खुशगंवार लम्हों का सहारा हो, तो क्या हो
तनहा रातों में तेरे आलिंगन का सहारा हो, तो क्या हो