उनका अंदाज़े – बयाँ और
उनका अंदाज़े – बयाँ और , हमारा अंदाज़े – बयाँ और
हम गिरते को उठाने की बात करते हैं , वो उठते को गिराने की
उनका मकसदे – इबादत और, हमारा मकसदे – इबादत कुछ और
वो जिन्दगी में दौलत को अहमियत देते हैं, और हम जिन्दगी को दौलत समझते हैं