Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2019 · 1 min read

उदासी क्यों

आज फिर एक लघु प्रयास मेरी तरफ से।?
” उदासी क्यों ”

क्यों रूठ जाते हो ऐसे
जैसे मनाना बस की बात नहीं।
जब रंज हो जाते हो आप तो
हँसाना बस की बात नहीं।।

वादा किये थे आप मुझसे
छोड़ेंगे तेरा साथ नहीं।
ऐसा मुझे क्यों लगता है कि
अब आपसी कोई मुलाकात नहीं।।

सीने से मुझे लगाते थे आप
जब मैं करता था कोई काम सही।
पर तेरी इस खामोशी को
समझना बस की बात नहीं।।

माना गलती मेरी थी
ठहरे बिल्कुल आप सही।
चेहरे पर विरक्ति मेरी भी है
मुस्कुराना बस की बात नहीं।।

मैं आपसे रूठ जाँऊ
ये मेरी फितरत नहीं।
जब रूठ जाते हैं आप तो
मनाना बस की बात नहीं।।

( कुमार अनु ओझा )

Language: Hindi
725 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ভালো উপদেশ
ভালো উপদেশ
Arghyadeep Chakraborty
सत्य की खोज
सत्य की खोज
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
सैलाब .....
सैलाब .....
sushil sarna
एक सपना देखा था
एक सपना देखा था
Vansh Agarwal
***
*** " ओ मीत मेरे.....!!! " ***
VEDANTA PATEL
"अकेलापन और यादें "
Pushpraj Anant
मैं पढ़ने कैसे जाऊं
मैं पढ़ने कैसे जाऊं
Anjana banda
Unlocking the Potential of the LK99 Superconductor: Investigating its Zero Resistance and Breakthrough Application Advantages
Unlocking the Potential of the LK99 Superconductor: Investigating its Zero Resistance and Breakthrough Application Advantages
Shyam Sundar Subramanian
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
धरा कठोर भले हो कितनी,
धरा कठोर भले हो कितनी,
Satish Srijan
"कवि"
Dr. Kishan tandon kranti
2947.*पूर्णिका*
2947.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Khahisho ki kashti me savar hokar ,
Khahisho ki kashti me savar hokar ,
Sakshi Tripathi
मैं फकीर ही सही हूं
मैं फकीर ही सही हूं
Umender kumar
बेटियां
बेटियां
Neeraj Agarwal
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
हृदय को भी पीड़ा न पहुंचे किसी के
Er. Sanjay Shrivastava
वो मूर्ति
वो मूर्ति
Kanchan Khanna
कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं।
कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं।
Manisha Manjari
मेरी माँ......
मेरी माँ......
Awadhesh Kumar Singh
अध्यात्म का शंखनाद
अध्यात्म का शंखनाद
Dr.Pratibha Prakash
जन्म दिवस
जन्म दिवस
Aruna Dogra Sharma
जय जय राजस्थान
जय जय राजस्थान
Ravi Yadav
अखंड भारत
अखंड भारत
विजय कुमार अग्रवाल
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#काकोरी_दिवस_आज
#काकोरी_दिवस_आज
*Author प्रणय प्रभात*
*मुख्य अतिथि (हास्य व्यंग्य)*
*मुख्य अतिथि (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
रात का मायाजाल
रात का मायाजाल
Surinder blackpen
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
Loading...