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12 Aug 2019 · 1 min read

उठो द्रोपदी

उठो द्रोपदी अब समर को सजना ही होगा
अपने अपमान के लिए
फिर नया महाभारत रचना ही होगा
सीता नहीं, मीरा नहीं,राधा नहीं
अब काली का ही रूप धरना होगा
सुनों द्रोपदी
अब तुम्हें खड़ग हाँथ में धरना ही होगा
जो थे तुम्हारे खेवनहार
उनकी नइया लगी है संसद पार
अब उठ कर तुम को खुद रण में उतरना होगा
उठो द्रोपदी,
अब गूंगे बहरे से पर्तिसोध लिया न जायेगा
उनके घर आंगन में
तुम्हें बेटियों की छाया भी न मिलने पायेगा
वो निरवंश बेटीयों का दुख सुनने न पायेगा
फिर भी वो बेटियों का रक्षक कहलायेगा
उठो द्रोपदी, अब काली होके
तुम्हें महाकाल बनना होगा …
…सिद्धार्थ

Language: Hindi
3 Likes · 266 Views
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