Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jan 2017 · 3 min read

इन्सानी कुत्ते

कोर्ट में एक अजीब मुकदमा आया,
एक सिपाही एक कुत्ते को बांध कर लाया ।
सिपाही ने जब कटघरे में आकर कुत्ता खोला,
कुत्ता रहा चुपचाप, मुँह से कुछ ना बोला !
नुकीले दांतों में कुछ खून-सा नज़र आ रहा था,
चुपचाप था कुत्ता, किसी से ना नजर मिला रहा था !
फिर हुआ खड़ा एक सरकारी वकील ,
देने लगा कुत्ते के विपक्ष में दलील !
बोला, इस जालिम के कर्मों से यहाँ मची तबाही है,
इसके कामों को देख कर इन्सानियत घबराई है!
ये क्रूर है, निर्दयी है, इसने तबाही मचाई है,
दो दिन पहले जन्मी एक कन्या, अपने दाँतों से खाई है!
अब ना देखो जज साहब किसी की बाट,
आदेश करके उतारो इसे मौत के घाट!
जज की आँख हो गयी गुस्से से लाल,
तूने क्यूँ खाई कन्या, जल्दी बोल डाल!
तुझे बोलने का मौका नहीं देना चाहता,
मजबूरी है, नहीं तो अब तक तो तुझे फांसी पर लटका पाता!
जज साहब, इसे जिन्दा मत रहने दो,
कुत्ते का वकील बोला, लेकिन इसे कुछ कहने तो दो!
फिर कुत्ते ने मुंह खोला,और धीरे से बोला,
हाँ, मैंने वो लड़की खायी है,अपनी कुत्तानियत निभाई है!
कुत्ते का धर्म है ,ना दया दिखाना ,
माँस चाहे किसी का हो, देखते ही खा जाना!
पर मैं दया-धर्म से दूर नही,
खाई तो है, पर मेरा कसूर नही!
मुझे याद है, जब वो लड़की कूड़े के ढेर में पाई थी,
और कोई नही, उसकी माँ ही उसे फेंकने आई थी!
जब मैं उस कन्या के गया पास,
उसकी आँखों में देखा भोला विश्वास!
जब वो मेरी जीभ देख कर मुस्काई थी,
कुत्ता हूँ, पर उसने मेरे अन्दर इन्सानियत जगाई थी!
मैंने सूंघ कर उसके कपड़े,उसका घर खोजा था,
जहाँ माँ उसकी सोयी थी,और बापू भी सोया था!
मैंने भू-भू करके उसकी माँ जगाई,
पूछा तू क्यों उस कन्या को फेंक कर आई!
चल मेरे साथ, उसे लेकर आ,
भूखी है वो, उसे अपना दूध पिला!
माँ सुनते ही रोने लगी,
अपने दुख सुनाने लगी!
बोली, कैसे लाऊँ अपने कलेजे के टुकड़े को,
तू सुन, तुझे बताती हूँ अपने दिल के दुखड़े को !
मेरी सासू मारती है तानों की मार,
मुझे ही पीटता है, मेरा भतार !
बोलता है लङ़का पैदा कर हर बार!!
लङ़की पैदा करने की है सख्त मनाही,
कहना है उनका कि कैसे जायेंगी ये ब्याही!
वंश की तो तूने काट दी बेल,
जा खत्म कर दे इसका खेल!
माँ हूँ, लेकिन थी मेरी लाचारी,
इसलिए फेंक आई, अपनी बिटिया प्यारी!
कुत्ते का गला भर गया,
लेकिन बयान वो पूरे बोल गया!
बोला, मैं फिर उल्टा आ गया,
दिमाग पर मेरे धुआं सा छा गया!
वो लड़की अपना, अंगूठा चूस रही थी!
मुझे देखते ही हंसी, जैसे मेरी बाट में जग रही थी,
कलेजे पर मैंने भी रख लिया था पत्थर,
फिर भी काँप रहा था मैं थर-थर!
मैं बोला, अरी बावली, जीकर क्या करेगी ,
यहाँ दूध नही, हर जगह जहर है, पीकर क्या करेगी?
हम कुत्तों को तो, करते हो बदनाम,
परन्तु हमसे भी घिनौने, करते हो काम!
जिन्दा लड़की को पेट में मरवाते हो,
और खुद को इंसान कहलवाते हो!
मेरे मन में, डर कर गयी उसकी मुस्कान,
लेकिन मैंने इतना तो लिया था जान!
जो समाज इससे नफरत करता है,
कन्या हत्या जैसा घिनौना अपराध करता है!
वहां से तो इसका जाना अच्छा,
इसका तो मर जान अच्छा!
तुम लटकाओ मुझे फांसी, चाहे मारो जूत्ते,
लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते!
लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते ..!

Language: Hindi
1 Like · 410 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
* जन्मभूमि का धाम *
* जन्मभूमि का धाम *
surenderpal vaidya
*खाती दीमक लकड़ियॉं, कागज का सामान (कुंडलिया)*
*खाती दीमक लकड़ियॉं, कागज का सामान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
A Little Pep Talk
A Little Pep Talk
Ahtesham Ahmad
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
Life
Life
C.K. Soni
"साम","दाम","दंड" व् “भेद" की व्यथा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
बाल वीर दिवस
बाल वीर दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जज़्बात-ए-दिल
जज़्बात-ए-दिल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
ग़जब सा सिलसला तेरी साँसों का
ग़जब सा सिलसला तेरी साँसों का
Satyaveer vaishnav
शीत की शब में .....
शीत की शब में .....
sushil sarna
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
हिय जुराने वाली मिताई पाना सुख का सागर पा जाना है!
Dr MusafiR BaithA
"माँ"
इंदु वर्मा
राधा कृष्ण होली भजन
राधा कृष्ण होली भजन
Khaimsingh Saini
आवारगी मिली
आवारगी मिली
Satish Srijan
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
SHAMA PARVEEN
शून्य
शून्य
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
* यौवन पचास का, दिल पंद्रेह का *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
🤔🤔🤔
🤔🤔🤔
शेखर सिंह
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
गैरों से क्या गिला करूं है अपनों से गिला
Ajad Mandori
।। धन तेरस ।।
।। धन तेरस ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
💐कुछ तराने नए सुनाना कभी💐
💐कुछ तराने नए सुनाना कभी💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
23/134.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/134.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रोज रात जिन्दगी
रोज रात जिन्दगी
Ragini Kumari
~
~"मैं श्रेष्ठ हूँ"~ यह आत्मविश्वास है... और
Radhakishan R. Mundhra
ज्योतिर्मय
ज्योतिर्मय
Pratibha Pandey
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
जीवन सुंदर खेल है, प्रेम लिए तू खेल।
आर.एस. 'प्रीतम'
कुछ टूट गया
कुछ टूट गया
Dr fauzia Naseem shad
Loading...