Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2017 · 1 min read

आ जाओ इस दिल में…………. सब मस्तियाँ |गीत| “मनोज कुमार”

आ जाओ इस दिल में तुम, खाली हैं कुछ जीबियाँ
मैमोरी अभी फुल नही, सेव हैं सब मस्तियाँ
आ जाओ इस दिल में……………………………… सब मस्तियाँ

गूगल याहू पे खोजा तुम्हें, सर्च किया विकिपीडिया
तू मिली ना इमेज मिली हमें, ना मिली तेरी चिठ्ठियाँ
मेल करो कोई सेंड तुम या, ओपन दिल की खिड़कियाँ
वन टीबी हार्डडिस्क है दिल की, खाली हैं अभी जीबियाँ

आ जाओ इस दिल में……………………………… सब मस्तियाँ

कर दो तुम अपलोड प्यार, दिल की साईट पे कहीं
करके डाउनलोड प्यार, कर लूँगा दिल में सेव कहीं
दिलके फेसबुक पेज पे मैं, व्हाटसअप से भी चैट करूँ
आई ऍम ओ स्काइप से, विडियो कॉल भी रोज करूँ

आ जाओ इस दिल में……………………………… सब मस्तियाँ

सबमिट कर लो दिल में हमको, फोर्मेट करना नही
ना करना रीनेम सनम, ओवरराइट भी नही
अडिट हमको करना नही, ना करना ईरेज हमें
मॉडिफाई भी ना करना, ना करना डिलीट हमें

आ जाओ इस दिल में……………………………… सब मस्तियाँ

ऐसी फ़ाइल हैं प्यार की हम तो, करती जो कनफ्यूज नही
दिल का फॉर जी नेटवर्क है, होता ये कभी स्लो नही
सब टाइप हिंदी लैंगगुएज है, जब जी चाहो पढ़ लो कभी
कोपी करके पेस्ट करो प्यार, रखलो दिल में हमको कहीं

आ जाओ इस दिल में……………………………… सब मस्तियाँ

“मनोज कुमार”

Language: Hindi
Tag: गीत
252 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पास आएगा कभी
पास आएगा कभी
surenderpal vaidya
" प्यार के रंग" (मुक्तक छंद काव्य)
Pushpraj Anant
*छाई है छवि राम की, दुनिया में चहुॅं ओर (कुंडलिया)*
*छाई है छवि राम की, दुनिया में चहुॅं ओर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दस लक्षण पर्व
दस लक्षण पर्व
Seema gupta,Alwar
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
Phool gufran
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
नसीब में था अकेलापन,
नसीब में था अकेलापन,
Umender kumar
परछाई
परछाई
Dr Parveen Thakur
लज्जा
लज्जा
Shekhar Chandra Mitra
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
Neelam Sharma
"आज मग़रिब से फिर उगा सूरज।
*Author प्रणय प्रभात*
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
जो माता पिता के आंखों में आसूं लाए,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
रमेशराज की पिता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पिता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
Kash hum marj ki dava ban sakte,
Kash hum marj ki dava ban sakte,
Sakshi Tripathi
कर बैठे कुछ और हम
कर बैठे कुछ और हम
Basant Bhagawan Roy
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
Jay Dewangan
देकर घाव मरहम लगाना जरूरी है क्या
देकर घाव मरहम लगाना जरूरी है क्या
Gouri tiwari
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
gurudeenverma198
नई शिक्षा
नई शिक्षा
अंजनीत निज्जर
भारत सनातन का देश है।
भारत सनातन का देश है।
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
स्वार्थी नेता
स्वार्थी नेता
पंकज कुमार कर्ण
निर्णय
निर्णय
Dr fauzia Naseem shad
2793. *पूर्णिका*
2793. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सोच
सोच
Shyam Sundar Subramanian
*......हसीन लम्हे....* .....
*......हसीन लम्हे....* .....
Naushaba Suriya
प्रेम का अंधा उड़ान✍️✍️
प्रेम का अंधा उड़ान✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शिखर पर पहुंचेगा तू
शिखर पर पहुंचेगा तू
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"मत पूछो"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...