Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Nov 2020 · 1 min read

सर्दी आयी

दीपों की गर्मी
से शुरू हुई
पिचकारी पर होगी अंत
आई सर्दी
आई सर्दी
मफलर स्वेटर
ले आयी सर्दी ।

ठंडी ठंडी
पवन चले
पर्वत के नीचे
बर्फ गिरे
ओस की बुँदे
पत्तों पर जम जाती
कोहरे में
अदरक बाली चाय
ले आयी सर्दी ।

कड़ कड़ कड़
दांत करें
झूले की तरह
बदन हिले
लकड़ी धुंडी इधर उधर से
और अलाब
ले आई सर्दी ।

निकले कंबल
निकली रजाई
खड़ी हो गयी
पेड़ के नीचे पड़ी
चारपाई
खिड़की दरबाजे
बन्द हो गए
सांसों में भाप
ले आई शर्दी ।

बुड्डो की बढ़ जाती
चिंता
दो महीने में
उड़ जाये ना हंसा
दांत नही चवाएं कैसे
गजक का भोग
लगाएं कैसे ।

चूल्हे की
बढ़ गयी है आफ़त
हांडी की
आ गयी है सामत
पेटों के खुल गए
है ताले
जीव ले रही चटकारे ।

चट चट मुंफली
चटक रही है
गाजर हलबे की
खुसबू बिखर रही है
करेला लौकी तोरई
सब फुर्र हो गए
आलू गाजर गोबी
ले आयी सर्दी ।

सूरज की अकड़
हो गयी ढ़ीली
बर्फ से मोहब्बत
हो गयी जहरीली
धुप हो गयी अपनी
छाया से हो गयी दुश्मनी
बन्द हो गए
ऐसी कूलर
गर्मी का हीटर
ले आयी शर्दी ।

Language: Hindi
1 Like · 374 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
अश्क चिरैयाकोटी
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
वर्षा जीवन-दायिनी, तप्त धरा की आस।
डॉ.सीमा अग्रवाल
💐अज्ञात के प्रति-14💐
💐अज्ञात के प्रति-14💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
* सत्य,
* सत्य,"मीठा या कड़वा" *
मनोज कर्ण
दो शरारती गुड़िया
दो शरारती गुड़िया
Prabhudayal Raniwal
2602.पूर्णिका
2602.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
अरमान
अरमान
Kanchan Khanna
एक बालक की अभिलाषा
एक बालक की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
राम
राम
Suraj Mehra
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*****राम नाम*****
*****राम नाम*****
Kavita Chouhan
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
कृष्णकांत गुर्जर
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
उसकी बाहो में ये हसीन रात आखिरी होगी
Ravi singh bharati
*** मां की यादें ***
*** मां की यादें ***
Chunnu Lal Gupta
शिकायत लबों पर
शिकायत लबों पर
Dr fauzia Naseem shad
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
रेत पर मकान बना ही नही
रेत पर मकान बना ही नही
कवि दीपक बवेजा
*सीधी-सादी मस्त अदाएँ (हिंदी गजल/गीतिका)*
*सीधी-सादी मस्त अदाएँ (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
शुरुआत
शुरुआत
Er. Sanjay Shrivastava
प्रश्न
प्रश्न
Dr MusafiR BaithA
पृथ्वीराज
पृथ्वीराज
Sandeep Pande
मेरे   परीकल्पनाओं   की   परिणाम   हो  तुम
मेरे परीकल्पनाओं की परिणाम हो तुम
पूर्वार्थ
दोस्ती तेरी मेरी
दोस्ती तेरी मेरी
Surya Barman
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
भगतसिंह:एक मुक्त चिंतक
Shekhar Chandra Mitra
#एक_और_बरसी
#एक_और_बरसी
*Author प्रणय प्रभात*
अनेक मौसम
अनेक मौसम
Seema gupta,Alwar
जो मासूम हैं मासूमियत से छल रहें हैं ।
जो मासूम हैं मासूमियत से छल रहें हैं ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
हम तो यही बात कहेंगे
हम तो यही बात कहेंगे
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...