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19 Apr 2020 · 1 min read

आप मिले

मिले जो आप हमें आज सूनी राहों में।
जरा सी बात हुई वो भी बस निगाहों मे।।

हमारा दिल भी तुम्हारी तरह तड़पता है।
सुकूँ मिलेगा हमे आपकी ही बाहों में।।

समझ न जाये कोई राज इस मिलन का तो।
हँसी छुपाई चमक आ गई निगाहों में।।

खुशी न देती ये जन्नत, हमें खुदा तेरी।
सदा मिली जो हमें इश्क की पनाहों में।।

खुशी मिलन से सराबोर हो गये हम तो।
महक रही है फ़िज़ा अब तो हर दिशाओं में।

खुमार “ज्योति” चढ़ा इस क़दर तेरा दिलवर।
नशा न हम पे चढ़े इन शराब-गाहों में।।

✍? श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव

1 Comment · 210 Views
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