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14 Sep 2017 · 1 min read

आदत भी है बलाय रे भैया, आदत भी है बलाय ।

आदत भी है बलाय रे भैया, आदत भी है बलाय।
खेल-खेल मे शौक-शौक मे
देखो ये लग जाय,
लागी सी फिर ना ये छूटे,
छूटे जग मुश्किल पड जाय
आदत भी है बलाय रे भैया, आदत भी है बलाय।
कमजोरी ये है इन्सां की
बस लाचार बनाय,
भली बुरी कैसी भी आदत
सही कही ना जाय
आदत भी है बलाय रे भइया, आदत भी है बलाय।
बात पते की सुनो सयाने लोग गये बतलाय,
जो ना बदले आदत अपनी खुदा बदल ना पाए,
आदत भी है बलाय रे भैया,आदत भी है बलाय ।

अनुराग दीक्षित
13-09-17

Language: Hindi
276 Views
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