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6 Nov 2017 · 2 min read

*आज का चिन्तन रिश्तो पर आधारित*?

आज का चिन्तन रिश्तो पर आधारित

ज़िन्दगी में कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जो अपनी गलती स्वीकार करने की बजाय हमेशा ये महसूस कराते हैं कि उन्होंने कभी गलती नहीं की..खुद की आत्मा को संतुष्ट करने के लिये,अपनो को नीचा दिखाने के लिये किसी भी हद तक जा सकते हैं..चाहे रिश्तो की मर्यादा को ही ताक पर क्यों न रखना पड़े और ऐसा करते वक्त महसूस ही नहीं होता कि जाने अनजाने वो अपने सच्चे रिश्तो को धीरे धीरे खोते जा रहे हैं…स्वार्थी कोई भी हो सकता है..मैं,आप या कोई और..अक्सर अपनो से एक माफ़ी के इन्तज़ार में हमारी पूरी ज़िंदगी गुज़र जाती है और मन में एक दूसरे के लिये कड़वाहट और बददुआ देने का सिलसिला यों ही जारी रहता है..क्या कभी सच्ची खुशी मिल पाती है ?? क्या किसी को नीचा दिखाकर..बिना माफ़ी मांगे कभी कोई खुश हो पाया है ?? क्या अपनो को माफ़ किये बिना हम कभी खुश रह पाते हैं..कभी नहीं..
मन में जब तक कुछ भी किसी के लिये भरा है तब तक सच्ची खुशी मिल ही नहीं सकती…ज़िंदगी बहुत छोटी है..मन में भर कर मत जियो..खुल कर जियो

*करके तो देखिये इतना भी मुश्किल नहीं है किसी से माफ़ी मांग लेना और किसी को माफ़ कर देना..पहल दोनों तरफ़ से होनी चाहिए अन्यथा एक तरफ़ा परवाह करने वाला निराश होने लगता है..अपनी सोच को सकारात्मक..स्वभाव को सरल बनाईये वर्ना अपनो को पराया और परायों को अपना बनाते बनाते पूरी ज़िन्दगी गुज़र जायेगी और हम खुशियाँ खोज़ते ही रह जायेंगे

स्वार्थ,अपेक्षा,उपेक्षा,और सच्चे प्रेम के अभाव में ही अपनो के बीच की दूरी और ज्यादा बढ़ती चली जाती है..मन में कटुता,निराशा बढ़ती ही चली जाती है..

चिन्तन का विषय है..
© अनुजा कौशिक

Language: Hindi
Tag: लेख
643 Views
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