Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2017 · 1 min read

आखिर तुम कब आओगे

?????
मेरे नयन के चांद सितारे ,
इस घर-आँगन के उजियारे।
बुढापे के एक मात्र सहारे ,
घर लौट के आजा, ओ मेरे प्यारे।
कितने ही वर्ष बीत गये हैं,
कब आओगे तुम, राहों में बैठे हैं।
आखिर तुम कब आओगे…..

निगाहें पथरा-सी गई है,
आँखें मेरी धुँधली-सी,
इक तेरे आने की इन्तजार में,
चुप टकटकी लगाये बैठे हैं।
आखिर तुम कब आओगे…..

मेरी ना सही, अपनी माँ की सुन,
जो कई सपने सिर्फ तेरे लिए बुन,
इक तेरे आने की उम्मीद में
दिल में आस लगाए बैठी हैं।
आखिर तुम कब आओगे…..

अपने सूने आँगन में
सदा ढूंढती रहती है तुम्हें।
जो अपनी बाहों के झूले में
झूलाया करती थी तुम्हें।
वही ममता भरा आंचल
तेरी राह में बिछाये बैठी हैं।
आखिर तुम कब आओगे…….

अपनी ममता भरी लोरी
जो तुम्हें सुनाया करती थी।
जो अपनी हिस्से की रोटी भी,
तुम्हें खिलाया करती थी।
बचपन की तेरी हर याद को,
अपने दिल में सजाये बैठी हैं।
आखिर तुम कब आओगे…..

अँगुली पकड़ कर कभी,
चलना सिखाया था तुम्हें।
चलो कदम-दो-कदम
साथ में तुम भी तो मेरे।
वीरान-सी इस आशियाना में,
तेरे कदमों की एक आहट पर
अपने कान को लगाये बैठी हैं।
आखिर तुम कब आओगे…..

तुम दूर हो ही नहीं लगता है,
अब लगता है कि अभी आ जाओगे।
जिन्दगी का सफर खत्म होने को है,
बाँकी चंद साँसों को रोक कर,
धड़कनों को थाम कर बैठे हैं।
आखिर तुम कब आओगे…..
????—लक्ष्मी सिंह ?☺

Language: Hindi
661 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
समझदारी ने दिया धोखा*
समझदारी ने दिया धोखा*
Rajni kapoor
फूल और तुम
फूल और तुम
Sidhant Sharma
तारीखें पड़ती रहीं, हुए दशक बर्बाद (कुंडलिया)
तारीखें पड़ती रहीं, हुए दशक बर्बाद (कुंडलिया)
Ravi Prakash
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
प्रेरणादायक बाल कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो।
Rajesh Kumar Arjun
देव विनायक वंदना
देव विनायक वंदना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
करने लगा मैं ऐसी बचत
करने लगा मैं ऐसी बचत
gurudeenverma198
भगवावस्त्र
भगवावस्त्र
Dr Parveen Thakur
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
Keshav kishor Kumar
"नायक"
Dr. Kishan tandon kranti
गुलाब
गुलाब
Satyaveer vaishnav
मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा
Mukesh Kumar Sonkar
मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला
मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला
कवि दीपक बवेजा
मुकद्दर
मुकद्दर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
■ प्रेरक प्रसंग
■ प्रेरक प्रसंग
*Author प्रणय प्रभात*
संकल्प
संकल्प
Naushaba Suriya
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
ससुराल का परिचय
ससुराल का परिचय
Seema gupta,Alwar
वक्त के इस भवंडर में
वक्त के इस भवंडर में
Harminder Kaur
कह दिया आपने साथ रहना हमें।
कह दिया आपने साथ रहना हमें।
surenderpal vaidya
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद — वंश परिचय — 01
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद — वंश परिचय — 01
Kirti Aphale
पुस्तक
पुस्तक
जगदीश लववंशी
“गणतंत्र दिवस”
“गणतंत्र दिवस”
पंकज कुमार कर्ण
सलाह .... लघुकथा
सलाह .... लघुकथा
sushil sarna
मैं तुम्हें यूँ ही
मैं तुम्हें यूँ ही
हिमांशु Kulshrestha
जीवन बरगद कीजिए
जीवन बरगद कीजिए
Mahendra Narayan
शोख लड़की
शोख लड़की
Ghanshyam Poddar
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
पर्यावरणीय सजगता और सतत् विकास ही पर्यावरण संरक्षण के आधार
डॉ०प्रदीप कुमार दीप
“STORY MIRROR AUTHOR OF THE YEAR 2022”
“STORY MIRROR AUTHOR OF THE YEAR 2022”
DrLakshman Jha Parimal
फिरकापरस्ती
फिरकापरस्ती
Shekhar Chandra Mitra
संभव भी असम्भव
संभव भी असम्भव
Dr fauzia Naseem shad
Loading...