Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2020 · 2 min read

आइना (लघुकथा)

आइना
दरवाजे की डोरबेल बजी तो भानु ने अपनी मम्मी से कहा-लगता है, दरवाजे पर कोई आया।

उसकी माँ ने कहा-बेटा जाकर देखो तो कौन है ?

भानु ने जाकर देखा तो गुप्ता अंकल थे।

उसने कहा-अंकल आइए-आइए, बैठिए।वे बोले, नहीं बेटा, बैठूँगा नहीं। ज़रा जल्दी में हूँ। ये बोलते हुए वे अंदर आकर ड्राइंग रूम में बैठ गए और बोले अपने मम्मी-पापा को बुला दो।

भानु बोला- अंकल पापा तो हैं नहीं,वे तो ऑफिस गए हैं। मम्मी हैं, कहिए तो बुलाऊँ।

उन्होंने ठीक है बेटा,उन्हें ही बुला दीजिए।उसने अपनी मम्मी को आवाज़ देते हुए कहा- मम्मी, गुप्ता अंकल आए हैं,आपको बुला रहे हैं।

राधिका जब ड्राइंग रूम में पहुँची तो उन्होंने अपनी बेटी की शादी का निमंत्रण पत्र दिया और बोले मैडम आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं। थोड़ा समय निकालकर आप लोग वर-वधू को आशीर्वाद देने अवश्य आइएगा।

राधिका ने कहा-अवश्य भाई साहब। हम सब जरूर आएँगे।

जब गुप्ता जी चले गये, तो तुरंत भानु ने अपनी माँ से पूछा माँ कब शादी है?मैं भी आपके साथ चलूँगा पार्टी में।

राधिका ने निमंत्रण पत्र देखकर बताया,बेटा परसों 22 नवंबर को शादी है। तुम भी चलना,मैं तुम्हें ले चलूँगी।

22 नवंबर को जब राधिका और उसके पति पार्टी में जाने के लिए तैयार होने लगे तो उन्होंने भानु से भी तैयार होने के कहा।

भानु ने कहा, मम्मी मुझे भी कपड़े दे दीजिए।राधिका ने उसे अलमीरा से कपड़े निकाल कर दिए।

भानु कपड़े पहनकर तैयार हुआ और बाल बनाने के लिए ड्रेसिंग टेबल के पास जा रहा था तभी उसने माँ की तरफ देखा, वे खड़ी -खड़ी मुस्करा रही थीं और अपने बच्चे की बलैया ले रही थीं।

माँ की तरफ देखकर भानु ने कहा- मम्मी चलिए,मैं रेडी हो गया। राधिका ने कहा- बेटा एक बार अपने आपको ड्रेसिंग टेबल में जाकर देख तो लो।

भानु बोला- मम्मी आपसे अच्छा कौन-सा आइना होगा। आपको अच्छा लग रहा हूँ, ये मैं आपके चेहरे को देखकर समझ गया हूँ। अब मुझे आइना देखने की जरूरत नहीं।

डाॅ बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
1 Comment · 428 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
त्योहार
त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फिर वो मेरी शख़्सियत को तराशने लगे है
फिर वो मेरी शख़्सियत को तराशने लगे है
'अशांत' शेखर
🌹 वधु बनके🌹
🌹 वधु बनके🌹
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
उल्फ़त का  आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
उल्फ़त का आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
sushil sarna
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
प्रेम पर शब्दाडंबर लेखकों का / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
Kailash singh
प्रेम समर्पण की अनुपम पराकाष्ठा है।
प्रेम समर्पण की अनुपम पराकाष्ठा है।
सुनील कुमार
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
पूर्वार्थ
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बंधन यह अनुराग का
बंधन यह अनुराग का
Om Prakash Nautiyal
अब देर मत करो
अब देर मत करो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बीमार घर/ (नवगीत)
बीमार घर/ (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
Surinder blackpen
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sidhartha Mishra
*मकर संक्रांति पर्व
*मकर संक्रांति पर्व"*
Shashi kala vyas
सुबह सुबह की चाय
सुबह सुबह की चाय
Neeraj Agarwal
बिन मौसम बरसात
बिन मौसम बरसात
लक्ष्मी सिंह
छाया है मधुमास सखी री, रंग रंगीली होली
छाया है मधुमास सखी री, रंग रंगीली होली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
गुरु
गुरु
Kavita Chouhan
"सँवरने के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
मुजरिम करार जब कोई क़ातिल...
मुजरिम करार जब कोई क़ातिल...
अश्क चिरैयाकोटी
खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
खुश होगा आंधकार भी एक दिन,
goutam shaw
जब कभी प्यार  की वकालत होगी
जब कभी प्यार की वकालत होगी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
💐प्रेम कौतुक-266💐
💐प्रेम कौतुक-266💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आत्मबल
आत्मबल
Punam Pande
*🌹जिसने दी है जिंदगी उसका*
*🌹जिसने दी है जिंदगी उसका*
Manoj Kushwaha PS
किया विषपान फिर भी दिल, निरंतर श्याम कहता है (मुक्तक)
किया विषपान फिर भी दिल, निरंतर श्याम कहता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
चाँद
चाँद
TARAN VERMA
Loading...