Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2018 · 1 min read

अवधी भाषा

अवधी भाषा भाष्य में , दोहा का शृंगार l
कवि की कविता जिंदगी , छन्दस शुचि आधार ll1
आप सभी से सीखता , यति गति लय तुक ताल l
शब्द अर्थ दें शारदा , कविगण वीणा लाल ll2
कवि कविता संसार में , अनुपम निर्मल चित्र l
बैठ भावना नाव में , सैर कर रहे मित्र ll3

Language: Hindi
1235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh Manu
"एक सुबह मेघालय की"
अमित मिश्र
सीधी मुतधार में सुधार
सीधी मुतधार में सुधार
मानक लाल मनु
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (कुंडलिया)*
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आज का दौर
आज का दौर
Shyam Sundar Subramanian
*याद है  हमको हमारा  जमाना*
*याद है हमको हमारा जमाना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिस दिन कविता से लोगों के,
जिस दिन कविता से लोगों के,
जगदीश शर्मा सहज
माघी पूर्णिमा
माघी पूर्णिमा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेरा हम पर कहां
तेरा हम पर कहां
Dr fauzia Naseem shad
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
shabina. Naaz
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
आप प्लस हम माइनस, कैसे हो गठजोड़ ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
आम आदमी
आम आदमी
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
"मैं एक पिता हूँ"
Pushpraj Anant
एक शे'र
एक शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
रोटी रूदन
रोटी रूदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
जीवन बरगद कीजिए
जीवन बरगद कीजिए
Mahendra Narayan
■ प्रभात वन्दन
■ प्रभात वन्दन
*Author प्रणय प्रभात*
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
Anil chobisa
क्या मुझसे दोस्ती करोगे?
क्या मुझसे दोस्ती करोगे?
Naushaba Suriya
Kavita
Kavita
shahab uddin shah kannauji
The only difference between dreams and reality is perfection
The only difference between dreams and reality is perfection
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हर आईना मुझे ही दिखाता है
हर आईना मुझे ही दिखाता है
VINOD CHAUHAN
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
Neelam Sharma
टेसू के वो फूल कविताएं बन गये ....
टेसू के वो फूल कविताएं बन गये ....
Kshma Urmila
अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...?
अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...?
मनोज कर्ण
2395.पूर्णिका
2395.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ऋतु बसन्त आने पर
ऋतु बसन्त आने पर
gurudeenverma198
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...