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25 Dec 2016 · 1 min read

अर्थशास्त्र

भारतीय रूपये और
नैतिकता की
ये महानता है,
दोनों के गिरने की
दर में समानता है .

नैतिकता
स्वार्थ, भ्रष्टाचार और
बलात्कार के चक्रवियूह में
अभिमन्यु हो रही है,
रूपये की कीमत
डॉलर के दबाव में
शून्य हो रही है .

देह के अर्थशास्त्र में
उत्पाद खरीदकर
पोषित करते हो तुम,
उस किशोरी की आकांक्षा को
जो जांघों के भूगोल में है गुम .

कम होते कपड़े
मापदण्ड हैं जिसकी स्वतंत्रता के,
सोच ये खिलाफ है धवल
नारी अस्मिता के.

प्रदीप तिवारी ‘धवल’

Language: Hindi
882 Views
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