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8 Apr 2020 · 1 min read

“अभी ध्यान से चलो”

?अभी ध्यान से चलो?
??‍♂??‍♂??‍♂??‍♂??‍♂??‍♂??‍♂

हारेगा कोरोना यारो , मन से तुम स्वीकारो,
जीत हमारी ही होगी , यही ठान के चलो।

फिर नयी भौर होगी , ख़ुशी हर ओर होगी,
दिन आएंगे सुहाने , सभी मान के चलो।

अपनो से मेल होगा , रिश्तों का ही खेल होगा,
फिर वही दिनचर्या , अरे ! जान के चलो।

पतझड़ ये बीतेगा , बसंत हँस आएगा,
सुंदर नज़ारें होंगे , अभी ध्यान से चलो।

(घनाक्षरी कवित छंद)

?आर.एस.प्रीतम?
??????

2 Likes · 2 Comments · 314 Views
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