अभिलाषा नादान की
सुन्दर स्वच्छ हो देश हमारा
हमको यह प्राणो से प्यारा
जग में हम भी नाम करें
यह बात राष्ट्र सम्मान की
अभिलाष नादान की।
स्वक्षता का बनेंगे सूचक
शिक्षा का हम बनेंगे द्वेतक
कोई नहीं अड़चन आजाये
बात राष्ट्र स्वाभीमान की
अभिलाषा नादान की।
जाती – पाती का भेद नहीँ हो
हम सब का उद्देश्य यही हो
मेधा को सम्मान दिलाना
बात क्षमता उत्थान की
अभिलाषा नादान की।
जन – जन का अब एक ही नारा
आरक्षण मुक्त हो राष्ट्र हमारा
मेधा को अधिकार दिलाना
बात मेधावी उत्थान की
अभिलाषा नादान की।
शिष्टाचार का भान करेँ हम
सभ्यता का सम्मान करेँ हम
सभ्यता का अनुपालन करना
बात राष्ट्र के शान की
अभिलाषा नादान की!!
*********
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”