अनार की खेती
अनार खेती-श्री राजगुरु नर्सरी नवापुरा धवेचा बागोड़ा
इस धरा के पावन तन को, सींच उगाए अन्न अनाज।
धनाराम जी आपको प्रणाम,हम सबको हैं आप पर नाज।।
धरा की मिट्टी, जल, वायु तेज रोशनी और सांझ की ओस की बून्द से सींचना और वहाँ पौधो को अंकुरित करना उनको उगाना, बड़ा करना और सभी को उनके बारे में जानकारी देना ताकि सभी यह खेती कर सके। और यह काम ही व्यक्ति करता है वो है धनाराम जी राजपुरोहित नवापुरा धवेचा।और आपके बारे जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है धनजी काकू। ओर आपके जितनी मेहनत कोई नहीं कर सकता कड़ी ठंड में भी खजूरों व अनारो को पानी में खड़ा रहकर खुद को सुखाता है। और जून की गर्मियों में भरी दुपहरी धूप ओर लू में खुदको सुखाना भी क्योंकि की कोई पौधा जल न जाए।
जिस तरह बच्चे के जन्म के बाद जिस तरह माँ और पिता की देखरेख में बच्चा फलता फूलता है बस उसी तरह धनाराम जी की देखरेख में अनार, खजुर, नीबू, बेर आदि फलते फूलते है।भोर का सवेरा धनाराम जी का यही होता है और चांदनी का बसेरा भी यही है।
आइये ऐसे ही एक व्यक्ति की मेहनत और सफलता को आपके सामने रखने की कोशिश कर रहा हूँ अगर आपके पास समय हो तो आप सभी धनाराम जी राजपुरोहित नवापुरा से जरूर मिले।इसी के साथ मिलते हैं राजस्थान के जालोर जिले के बागोड़ा तहसील के नवापुरा धवेचा के रहने वाले धनाराम जी राजपुरोहित से जो अपने खेत में कई प्रकार की खेती करते हैं तो कुछ नाम जो निम्न है-अनार, खजुर, नींबू, बेर, अमरुद आदि की खेती की जाती हैं तथा अनार, खजुर, बेर, नींबू, अमरूद, चिक्कू,अंजीर आदि की विक्रेता की भी जाती हैं और उनके बारे में जानकारी दी भी जाती हैं। शिक्षा में जो भी रहा है लेकिन इस प्रतिभा का श्रेय अपने संस्कारों की पूँजी देने वाले माता-पिता को ही देते हैं। खेतों को अपना बसेरा बनाकर रात दिन फसलों के साथ ही सोना और फसलों के साथ ही खेलना तथा बारे से आने वालों को इनके बारे में जानकारी देना, मीटिंग करना आदि काम रहते हैं नवापुरा के आसपास गाँवो में भी आज अनार की खेती आज खूब चल रही हैं और कही लोग जानकारी भी प्राप्त करते हैं धनाराम जी राजपुरोहित नवापुरा से।लेकिन इस प्रतिभा ने पूरे क्षेत्र में अपनी मेहनत और तकनीकी से दूर-दूर तक खुद का उदाहरण पेश कर दिया है।इसी सफल किसान का नाम है धनाराम जी राजपुरोहित नवापुरा धवेचा तहसील बागोड़ा पर मैं हमेशा इनको काकू के नाम से पुकारता हूँ।
अनार व खजुर खेती के साथ साथ अनेक पौधों व फलों की बगिया के राजकुमार की संज्ञा भी यदि आपको दे दी जाए तो कम है यदि आप सभी को कभी समय मिले तो धनाराम जी राजपुरोहित के खेत देखने जरूर जाए वहाँ की हरियाली मनमोहन लेती हैं।
अब आपको बताता हूँ आपकी शिक्षा-दीक्षा के कुछ उदाहरण, जो आपने हमेशा से ही अपनी मेहनत व तकनीकी को गाँव गाँव के किसानों तक पहुँचाने के लिए सभी किसानों से को बताते हैं कि किसान तकनीकी का सही उपयोग का भूमि का सही उपयोग कर सकें।इसलिए काल्पनिक व सोशल मीडिया के माध्यम से फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम व बैनर और खुद जाकर जानकारी देना व दवाई के बारे में भी जानकारी देना की किस तरह उपयोग की जाए।
धनाराम जी राजपुरोहित ने हमेशा निस्वार्थ भाव से हमेशा दूसरों की मदद की है हमेशा दूसरों के लिए खुद को खड़ा किया है हमेशा दुसरो की खुशियां में खुद की ख़ुशी को महसूस किया है।शायद तब न सबसे ज्यादा पसीना बहाकर भी धनाराम जी के चेहरे पर हमेशा प्रफुल्लित और साफ दिखाई देती हैं जिसे कभी कोई दर्पण की जरूरत भी नही पड़े अपने चेहरे को देखने की।
धनारामजी परिचय-नाम धनाराम जी राजपुरोहित पिता श्री लालारामजी राजपुरोहित गाँव नवापुरा धवेचा तहसील बागोड़ा पंचायत समिति भीनमाल जिला जालोर राज्य राजस्थान-343032 मो.नम्बर9772077100
इस नम्बर से किसी दवाई के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
अद्भुत है शालीनता तो, अद्भुत है मुस्कान आपकी धना काका।
मेहनत तो दिखती ही है धना काका आपकी अद्भुत है सफलता आपकी।।
कवि शंकर आँजणा नवापुरा धवेचा
बागोड़ा जालोर राजस्थान
मो.8239360667
कक्षा स्नातक तृतीय वर्ष