इन आँखों को भी अब हकीम की जरूरत है..
~"मैं श्रेष्ठ हूँ"~ यह आत्मविश्वास है... और
चाहो न चाहो ये ज़िद है हमारी,
प्यार खुद में है, बाहर ढूंढ़ने की जरुरत नही
*राजा रानी हुए कहानी (बाल कविता)*
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
फिल्मी नशा संग नशे की फिल्म
तुम्हें आती नहीं क्या याद की हिचकी..!
पेंशन प्रकरणों में देरी, लापरवाही, संवेदनशीलता नहीं रखने बाल
👉 सृष्टि में आकाश और अभिव्यक्ति में काश का विस्तार अनंत है।
We can not judge in our life ,
दोहे- उदास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
जिंदगी जीना है तो खुशी से जीयों और जीभर के जीयों क्योंकि एक
हर सुबह उठकर अपने सपनों का पीछा करना ही हमारा वास्तविक प्रेम
आजादी का अमृतमहोत्सव एव गोरखपुर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर