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17 Oct 2020 · 1 min read

अंधेरों से मिला

बख्श कर चांद को ज़िया सूरज
खुद अंधेरों में जा छुपा सूरज

काश हमको भी साथ ले लेता
तू अकेला ही क्यों जला सूरज

इन हवाओं के एक तेवर से
बादलों में समा गया सूरज

चांद तारों की रूह कांप उठी
देख कर डूबता हुआ सूरज

जाते जाते यह कर गया एहसान
मेरा साया बढ़ा गया सूरज

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