Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2016 · 1 min read

मैं और मेरी जिंदगी

,हंसती खिलखिलाती सी जिंदगी
अक्सर यूं ही रूठ जाया करती है
दिखाकर सप्तरंग सपने श्वेत श्याम हो जाती जिंदगी
भाग जाती छूट जातीमेरे हाथों से
करूं कितना जतन ना हाथआती जिंदगी
सपनों से जगाकर हकीकत में छोड जाती जिंदगी
कभी लगती नर्म हाथों सी जिंदगी
कभी बेबस हाथों को बॉंध जाती जिंदगी
फूटती आंखो सेकभी खुशी कभी गम जिंदगी
एक अनसुलझी सी पहेली जिंदगी
हर पल इक नया मोड जिंदगी
मै और मेरी जिंदगी

नूतन

Language: Hindi
1 Like · 355 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रकाश पर्व
प्रकाश पर्व
Shashi kala vyas
फरियादी
फरियादी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
4) धन्य है सफर
4) धन्य है सफर
पूनम झा 'प्रथमा'
बूढ़ी मां
बूढ़ी मां
Sûrëkhâ Rãthí
बोलती आँखे....
बोलती आँखे....
Santosh Soni
थोड़ा दिन और रुका जाता.......
थोड़ा दिन और रुका जाता.......
Keshav kishor Kumar
हमें आशिकी है।
हमें आशिकी है।
Taj Mohammad
पापा की गुड़िया
पापा की गुड़िया
Dr Parveen Thakur
#शर्माजीकेशब्द
#शर्माजीकेशब्द
pravin sharma
जल्दी-जल्दी  बीत   जा, ओ  अंधेरी  रात।
जल्दी-जल्दी बीत जा, ओ अंधेरी रात।
दुष्यन्त 'बाबा'
आज  मेरा कल तेरा है
आज मेरा कल तेरा है
Harminder Kaur
इश्क
इश्क
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
हर व्यक्ति की कोई ना कोई कमजोरी होती है। अगर उसका पता लगाया
Radhakishan R. Mundhra
हैं श्री राम करूणानिधान जन जन तक पहुंचे करुणाई।
हैं श्री राम करूणानिधान जन जन तक पहुंचे करुणाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
4-मेरे माँ बाप बढ़ के हैं भगवान से
4-मेरे माँ बाप बढ़ के हैं भगवान से
Ajay Kumar Vimal
सब पर सब भारी ✍️
सब पर सब भारी ✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अनंत करुणा प्रेम की मुलाकात
अनंत करुणा प्रेम की मुलाकात
Buddha Prakash
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अभिव्यक्ति - मानवीय सम्बन्ध, सांस्कृतिक विविधता, और सामाजिक परिवर्तन का स्रोत
अभिव्यक्ति - मानवीय सम्बन्ध, सांस्कृतिक विविधता, और सामाजिक परिवर्तन का स्रोत" - भाग- 01 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।
अंध विश्वास एक ऐसा धुआं है जो बिना किसी आग के प्रकट होता है।
Rj Anand Prajapati
* खूबसूरत इस धरा को *
* खूबसूरत इस धरा को *
surenderpal vaidya
कलेजा फटता भी है
कलेजा फटता भी है
Paras Nath Jha
सुना है सपने सच होते हैं।
सुना है सपने सच होते हैं।
Shyam Pandey
"तब कोई बात है"
Dr. Kishan tandon kranti
बिना बकरे वाली ईद आप सबको मुबारक़ हो।
बिना बकरे वाली ईद आप सबको मुबारक़ हो।
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
तुम याद आ गये
तुम याद आ गये
Surinder blackpen
संगठन
संगठन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मॉं करके शेर सवारी, हर दो जग के दुख भारी (भक्ति गीत)
मॉं करके शेर सवारी, हर दो जग के दुख भारी (भक्ति गीत)
Ravi Prakash
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
कलियुग में सतयुगी वचन लगभग अप्रासंगिक होते हैं।
*Author प्रणय प्रभात*
आसमाँ  इतना भी दूर नहीं -
आसमाँ इतना भी दूर नहीं -
Atul "Krishn"
Loading...