Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2017 · 1 min read

एक गाती चिड़िया

एक गाती चिड़िया
(लघु कथा)
सुशील शर्मा

एक चिड़िया मस्त गगन में गाती गुनगुनाती घूमती रहती थी।सब उसकी बहुत तारीफ करते थे ।सब उसकी आवाज पर मोहित थे।
यह खबर कुछ गिद्धों तक पहुंची उन्हें बहुत नागवार गुजरा।आपस में उनकी बैठक हुई।सियाने गिद्ध ने कहा ये चिड़िया बहुत उड़ रही है।हमारे सम्मान को चोट पहुंचाती है।इसके पर कतरना जरुरी है।सभी एकमत हो गए करीब हरेक गिद्ध ने चिल्लाना शुरू कर दिया।
ये चिड़िया गलत है,इसे गाना नहीं गाना चाहिए ये हमारे समाज को कलंकित कर रही है।चिड़िया के माता पिता पर दबाब डाला गया।
चिड़िया को डराया गया।समाज से बहिष्कृत करने की धमकी दी गई।लेकिन चिड़िया नहीं डरी उसने स्पष्ट कर दिया की उसकी आवाज किसी एक धर्म और समाज की नहीं है उसकी आवाज़ मानवता की आवाज़ है और मौत का डर भी उसे संगीत से अलग नहीं कर सकता।गिद्ध सकते में थे कि इस नन्ही सी चिड़िया में इतना मनोबल कैसे आ गया।
और चिड़िया मौत के डर से आगे गाती हुई बढ़ रही थी जीत की ओर।

इस बहादुर चिड़िया को हज़ारो सलाम।

Language: Hindi
595 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
होता अगर पैसा पास हमारे
होता अगर पैसा पास हमारे
gurudeenverma198
सपनो का शहर इलाहाबाद /लवकुश यादव
सपनो का शहर इलाहाबाद /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
💐💞💐
💐💞💐
शेखर सिंह
पेंशन
पेंशन
Sanjay ' शून्य'
आज होगा नहीं तो कल होगा
आज होगा नहीं तो कल होगा
Shweta Soni
"आसानी से"
Dr. Kishan tandon kranti
वह स्त्री / MUSAFIR BAITHA
वह स्त्री / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
अब भी दुनिया का सबसे कठिन विषय
अब भी दुनिया का सबसे कठिन विषय "प्रेम" ही है
DEVESH KUMAR PANDEY
6-जो सच का पैरोकार नहीं
6-जो सच का पैरोकार नहीं
Ajay Kumar Vimal
" तुम खुशियाँ खरीद लेना "
Aarti sirsat
छैल छबीली
छैल छबीली
Mahesh Tiwari 'Ayan'
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
गंदा धंधा
गंदा धंधा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
■ सनातन विचार...
■ सनातन विचार...
*Author प्रणय प्रभात*
इंतजार
इंतजार
Pratibha Pandey
नए साल के ज़श्न को हुए सभी तैयार
नए साल के ज़श्न को हुए सभी तैयार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
*खाई दावत राजसी, किस्मों की भरमार【हास्य कुंडलिया】*
*खाई दावत राजसी, किस्मों की भरमार【हास्य कुंडलिया】*
Ravi Prakash
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह
श्री रामचरितमानस में कुछ स्थानों पर घटना एकदम से घटित हो जाती है ऐसे ही एक स्थान पर मैंने यह "reading between the lines" लिखा है
SHAILESH MOHAN
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
‌!! फूलों सा कोमल बनकर !!
‌!! फूलों सा कोमल बनकर !!
Chunnu Lal Gupta
हर बात पे ‘अच्छा’ कहना…
हर बात पे ‘अच्छा’ कहना…
Keshav kishor Kumar
शाकाहार बनाम धर्म
शाकाहार बनाम धर्म
मनोज कर्ण
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
सराब -ए -आप में खो गया हूं ,
Shyam Sundar Subramanian
मन मन्मथ
मन मन्मथ
अशोक शर्मा 'कटेठिया'
गोरे तन पर गर्व न करियो (भजन)
गोरे तन पर गर्व न करियो (भजन)
Khaimsingh Saini
थूंक पॉलिस
थूंक पॉलिस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हिंदी मेरी माँ
हिंदी मेरी माँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आज के युग में नारीवाद
आज के युग में नारीवाद
Surinder blackpen
अकाल काल नहीं करेगा भक्षण!
अकाल काल नहीं करेगा भक्षण!
Neelam Sharma
Loading...